इंदौर: भोपाल गैस त्रासदी का 337 मीट्रिक टन कचरा 2 जनवरी को 12 ट्रकों में भोपाल से पीथमपुर लाया गया था। इसे 16 फरवरी को पीथमपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के प्लांट में उतार दिया गया। यह कार्रवाई हाई कोर्ट की सुनवाई से पांच दिन पहले हुई। स्थानीय लोगों ने कचरा जलाने की योजना का विरोध किया था। धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने कहा कि ट्रकों से कचरा उतारना जरूरी था। उन्होंने बताया कि जनप्रतिनिधियों से बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया। पूरी पारदर्शिता बरती गई।2 जनवरी को भोपाल से 12 ट्रकों में 337 मीट्रिक टन यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर लाया गया था। इंदौर से 25 किमी दूर इस औद्योगिक क्षेत्र में कचरा जलाने की योजना का स्थानीय लोगों ने विरोध किया था। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा था कि सरकार अदालत के निर्देश पर ही आगे की कार्रवाई करेगी। 6 जनवरी को HC ने राज्य सरकार को सुरक्षा नियमों के तहत कार्बाइड कचरे का निपटान करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया था। अगली सुनवाई 18 फरवरी को होनी है।
लीकप्रूक पैकेजिंग में आया कचरा
कचरे को लीकप्रूफ पैकेजिंग में सील करके कंटेनरों में रखा गया है। ये कंटेनर पीथमपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के परिसर में चार-चार के बैच में रखे गए हैं। धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से धार प्रशासन इस मामले में जनता को सही जानकारी देने के लिए काम कर रहा है। विभिन्न प्लेटफार्मों पर पूरी प्रक्रिया समझाई गई।
समिति कर रही विरोध
पीथमपुर बचाओ समिति ने इस जहरीले कचरे को पीथमपुर में फेंकने की योजना का विरोध किया था। समिति ने शुक्रवार से कई विरोध प्रदर्शनों की चेतावनी दी थी। कलेक्टर मिश्रा ने कहा कि कचरा उतारने से पहले, जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा हुई, और कार्रवाई के बारे में बताया गया। सभी सहमत थे। यह तय किया गया कि इसे पूरी पारदर्शिता के साथ सभी की उपस्थिति में किया जाएगा।
सुरक्षा का रखा जा रहा पूरा ध्यान
1984 की गैस त्रासदी से निकला यह कचरा भोपाल से लाया गया था। इस कचरे को पीथमपुर में जलाने की योजना का स्थानीय लोगों ने विरोध किया था। कलेक्टर ने बताया कि प्लांट की 24 घंटे निगरानी की जा रही है। CCTV कैमरे भी लगे हुए हैं। इससे सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। प्रशासन ने जनता को आश्वस्त किया है कि सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। कचरे को वैज्ञानिक तरीके से निपटाया जाएगा। किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं फैलेगा।