सबसे बड़ा सवाल- इसे ट्रैक करेंगे कैसे?
शिबाशीष सरकार ने आगे कहा, 'दुनिया भर के विकसित बाजारों में, रेन्ट्रैक (कलेक्शन पर नजर रखने के लिए) जैसी व्यवस्थाएं हैं। दुर्भाग्य से, भारत में ऐसा नहीं हुआ है। हालांकि यह कोई नई बात नहीं है, लेकिन ये चीजें अब बहुत ज्यादा हो रही हैं। इसलिए, भले ही आपको फर्जी कलेक्शन को पकड़ने के लिए कोई सिस्टम मिल जाए, लेकिन आप कैसे जान पाएंगे कि कौन धोखाधड़ी करके बड़ी मात्रा में टिकट बुक कर रहा है? आप हर थिएटर के अंदर सीसीटीवी कैमरे तो नहीं लगा सकते।'
बहरहाल, इन सारे आरोपों पर जब HT ने मैडॉक फिल्म्स के संस्थापक दिनेश विजान से संपर्क करने की कोशिश की, तो उनकी ओर से फिलहाल कोई जवाब नहीं मिला।